ग़ज़ल | कविता | शायरी
जो तुम पहले ही दिल की बात बताते , तो अच्छा होता वो पहली नज़र में तुम मुस्कुराते , तो अच्छा होता ।। यू तो चाँद सितारे सभी मौजूद थे यहां मग़र तुम भी छत पर आते , तो अच्छा होता ।। माना हो गयी देरी मुझे तुमसे कहने में फिर भी पहले तुम हाथ बढ़ाते , तो अच्छा होता ।। वक़्त पर ध्यान से देते हो पौधों को पानी कुछ बूंदे हम पर भी गिराते , तो अच्छा होता ।। मैं निकला था घर से तुम्हे मिलने के लिए तुम भी मेरी ओर चलकर आते , तो अच्छा होता ।। - चिंतन जैन