Posts

Showing posts from May, 2020

हंगामा हो गया । ( ग़ज़ल )

दिल में एक ख़याल आया तो हंगामा हो गया  देख के तुझको सर झुकाया तो हंगामा हो गया ।। सुनायी देती है यहाँ दिन रात आवाज़ें हमें इक आवाज़ तुझको बुलाया तो हंगामा हो गया ।। खामोशी से सुन रहे थे दिल की बातों को सभी हमनें गम अपना सुनाया तो हंगामा हो गया ।। दीवाली की रात थी और था शहर में सब रोशन इक दीया हमनें जलाया तो हंगामा हो गया ।। दूसरों की गलतियों को खूब बताते फिरते हो जब गलत तुमकों बताया तो हंगामा हो गया ।।                          - चिंतन जैन

बात उड़ायी जाएगी । ( ग़ज़ल )

बातों बातों में मेरी भी बात उड़ायी जाएगी  इसी शहर के आसमान में खाक उड़ायी जाएगी ।। होगा जब भी ज़िक्र इश्क़ का यही करेंगे लोग सभी मेरे बारे में कहकर मज़ाक उड़ायी जाएगी ।। देखेगी यह दुनिया सारी जब ज़नाज़े पर मेरे तेरे हाथों से मुझ पर चादर उड़ायी जाएगी ।। मैं तो खुद में मिट्टी हूँ यह आँधी क्या कर पाएगी होगा कुछ भी न इससे बस धूल उड़ायी जाएगी ।। आएगा इक दिन भी ऐसा मैं रहूँ या न रहूँ फिर भी "चिंतन" नाम से गुलाल उड़ायी जाएगी ।।                      - चिंतन जैन          

यही सदाएँ आयी है ( ग़ज़ल )

मेरे दिल से हरदम बस अब यही सदाएँ आयी है  पाकर तुमको ही तो मैंने दुनिया पूरी पाई है । तन्हाई में जो लिखी बस उसे मोहब्बत मान कर नाम तेरा पढ़-पढ़कर मैंने गज़ले वही सुनाई है । जरूरत नही चाँद को दुआ की चमकने के लिए फिर भी तुमकों सालगिरह की खूब-खूब बधाई है । है मर्ज़-ए-दिल का हाल बुरा तो बात मेरी अब मानो  तुमइश्क़ करो बस इश्क़ करो अब इश्क़ में ही भलाई है।।                                                       - चिंतन जैन 

शायरी

आँख खोल कर वो मुस्काई तो सवेरा हो गया । हमने देखा चाँद तो वो उसका चेहरा हो गया ।। मेहंदी तो खुद देती रहती है रंगों को हाथों में  उसने छू ली मेहंदी तो रंग उसका गहरा हो गया ।।                         - चिंतन जैन 

कविता

गंध बाँटते फूलों को काँटो में पलते देखा है । अपना अस्तित्व मिटा मेहंदी को रंग छिड़कते देखा है । कागज़ की नावों से दरिया पार कराने वालों , हमने छले गए विश्वासों को इतिहास बदलते देखा है ।।                       - चिंतन जैन

वो आपके प्यार झुमके ( ग़ज़ल )

चाँद - सितारों को चिढ़ाते वो आपके प्यारे झुमके फूलों की तो जान जलाते वो आपके प्यारे झुमके ।। रह - रहकर यूँ ही इठलाते वो आपके प्यारे झुमके देखों गालों पर टकराते वो आपके प्यारे झुमके ।। खुद को ज़ुल्फों में उलझाते वो आपके प्यारे झुमके अपनी किस्मत पर इतराते वो आपके प्यारे झुमके ।। खनक - खनक की ताल सुनाते वो आपके प्यारे झुमके खामोशी से शोर मचाते वो आपके प्यारे झुमके ।। जाने मुझ पर क्यूँ झुंझलाते वो आपके प्यारे झुमके " चिंतन " सुनते ही चिढ़ जाते वो आपके प्यारे झुमके ।।                              - चिंतन जैन 

एक हॉन्टेड कैमरा ( कहानी )

बहुत दिन हो गए यार लेकिन हम कहीं घूमने नहीं गए "  - इस बार तो हम कहीं घूमने जाएंगे ही जाएंगे । कोल्ड ड्रिंक का एक गिलास उठाते हुए रवि ने अपने बाकी तीनो दोस्तों से कहा तो तीनो दोस्तों ने भी हाँ में सर हिला दिया । रवि , कपिल , रोहित और अंकित चारों स्कूल के समय से ही गहरे दोस्त है और अभी कॉलेज में है ।  रवि के इस घूमने जाने के प्लान पर तीनों भी खुश हो गए    " तो तय रहा हम इसी महीने में कही घूमने जाएंगे " कहते हुए कपिल ने अपना फोन बाहर निकाला और फोन पर घूमने जाने की अच्छी जगह देखने लगा ।   शिमला चलना कैसा रहेगा ? रोहित ने अपने तीनों दोस्तों से कहा । " परफेक्ट " सभी ने एक स्वर में कहा । तो ठीक है इस महीने की 15 तारीख को हम सभी लोग शिमला घूमने चलेंगे क्या किसी के पास कोई कैमरा है ?           - रोहित ने पूछा । कपिल ने कहा कि मुझे कैमरा खरीदना ही है तो मैं इसी ट्रिप के लिए खरीद लेता हूं । एक सेकंड हैंड कैमरा खरीद लूंगा । कपिल घूमने जाने के नाम से बहुत उत्साहित था । वह अगले ही दिन किसी सेकंड हैंड इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर गया और एक अच्छा सा सेकंड हैंड कैमरा खरीद लाया ।

मजदूर पर शायरी

गलती मेरी कुछ भी नही है , आखिर ये बतलाऊँ कैसे मैं भी तो हूँ इसी देश का , अपने घर पर जाऊं कैसे ।।                             - चिंतन जैन

मुझे मुश्किल में डाला है । ( ग़ज़ल )

आपने मुस्कुरा कर के, मुझें मुश्किल में डाला है  बात आसान ये कर के, मुझें मुश्किल में डाला है । तुमको जब भी बुलाऊंगी आओगें तुम भी मिलने को ऐसा वादा यूँ लेकर के, मुझें मुश्किल में डाला है । सभी आये थे छत पर तो चाँद को देखने उस दिन आपने देखकर मुझको, मुझें मुश्किल में डाला है । मैं तुमको फिर बताऊंगी कहा और फ़ोन रख दिया अधूरी बात कह कर के, मुझें मुश्किल में डाला है । वो सबने पूछा जब तुमसे पसन्द अपनी बताओ तुम तो "चिंतन" नाम लेकर के, मुझें मुश्किल में डाला है ।।                           - चिंतन जैन

शायरी

बड़ा आसान है प्रेम में कविताएं करना  बड़ा मुश्किल है कविताओं से प्रेम करना ।।               - चिंतन जैन

कविता

मेरे कमरे की खिड़की खुलते ही  आता है अंदर एक हवा का झोंका जो कर देता है अस्त - व्यस्त  उन सभी पन्नो को जिनमें लिखी है मैंने तुम्हारे ऊपर कविताएं । मेरे सामने तुम्हारा आना उस  खिड़की खुलने जैसा ही है ।।             - चिंतन जैन

माँ पर शायरी

मैंने दो शब्दों में ये सारा जहान लिखा है  कुछ और नही माँ बस तेरा ही नाम लिखा है ।                       - चिंतन जैन

माँ पर शायरी

अपने बच्चों के लिए माँ पूरा इक जहान होती है  भगवान जैसी नही होती, माँ ही भगवान होती है  मैं ये बात नही कहता सिर्फ अपनी माँ के बारे में माँ मेरी हो या तेरी हो, माँ बस महान होती है ।।                         - चिंतन जैन

महाराणा प्रताप पर कविता

मैं हिन्दुस्तान पर उसकी अमिट ये छाप लिखता हूँ मैं उस मेवाड़ी राणा को सूर्य का ताप लिखता हूँ । जो अपनी मातृभूमि के लिए प्राणों को तजता हो मैं भारत माँ के ऐसे वीर को प्रताप लिखता हूँ ।।                                              - चिंतन जैन

समय का चक्र ( कविता )

कल गद्दी पर बैठेंगे राम सुन हर्षित हुई जनता तमाम । पर वक़्त कहाँ यह चाहता था  उसका कुछ और इरादा था । तब मिला राम को वन का वास हुवे निष्फल सारे प्रयास । पर राम को वचन निभाना था  उनको तो वन में जाना था । जब कर्म खेल दिखलाता है भगवान भी नही बच पाता है । तब मानव की भी क्या बिसात जो काट सके भाग्य की बात जब राम चले गए वन में  तो दशरथ भी गए शयन में । जब चक्र समय का चलता है  तो उगता सूरज ढलता है ।।                     - चिंतन जैन

शायरी

आपने तो बस नही सुखाये बाल शीशे के सामने अंदाज़ा है आपको आज आईने पर क्या गुज़री ।                                            - चिंतन जैन

जाम ( शायरी )

पास लाकर होंठो के जाम आपसे छूट गया  हाय बेचारे शीशे का कितना दिल टूट गया ।                                    - चिंतन जैन

चाँद ( शायरी )

हम आपके चेहरे को चाँद जैसा नही  चाँद को आपके चेहरे जैसा बताते है ।            - चिंतन जैन

शहीद पर कविता

भारत माँ के लाल तूने फ़र्ज़ अपना अदा किया  जान हथेली पर लेकर दुश्मन का चीर सीना दिया । देश को ये कर्ज़ देकर गहरी नींद सो गए  फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए । बलिदान तुम्हारा ये देश कभी न भूल पायेगा  याद करेगा तुमको और वंदे मातरम् गायेगा । देश में तुम एक नई ऊर्जा का बीज बो गए फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए । आंखे अभी भी दरवाजे पर राह तक रही होगी वो माँ बेटे की प्रतीक्षा में राते जग रही होगी उस माँ को अब ये कौन जाकर समझायेगा तू सो जा माँ तेरा लाल लौट कर नही आएगा । एक नया इतिहास लिखकर सन्नाटे में खो गए फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए ।                 - चिंतन जैन

शायरी

इक खूबसूरत कहानी का यूँ अंत हो गया देखते - देखते बादल में चाँद खो गया ।                  - चिंतन जैन

शायरी

किस्मत वालो को ही यह ऊँचा सम्मान मिलता है  यूँही नही हर किसी को वतन हिंदुस्तान मिलता है ।                       - चिंतन जैन

कविता । ग़ज़ल । शायरी

सुना है शहर में उसे चाँद कहा जाता है  सो हमारा भी चकोर बनने का इरादा है । आप समझते है हमें औरो की तरह ही हमारी उल्फत का आपको नही अंदाजा है । हमने देखी है शहर की सभी नायाब चीजे बस अब तो आपके दीदार का तक़ाज़ा है । वैसे तो उनके हर इक लहज़े में जादू है मग़र गुस्से वाले लहज़े में कुछ ज़्यादा है । एक तेरे बारे में लिखने को छोड़कर चिंतन , ये लड़का सीधा - सादा है   ।                      - चिंतन जैन

कविता । ग़ज़ल । शायरी

ज़िन्दगी में कुछ ऐसा किरदार होना चाहिए हो भले छोटा मग़र दमदार होना चाहिए । थक चुका हूँ मैं आपको यूँ पुकारते - पुकारते अब तो आपको थोड़ा रहमगार होना चाहिए । मैंने इक ज़िन्दगी गुज़ारी है आपकी चाहत में  आपको भी तो अब मुझसे प्यार होना चाहिए । क्यूँ लिखे हम नाम आपका इन कागज़ के पन्नो पर आपके नाम पर तो फूलों का कारोबार होना चाहिए ।                                                - चिंतन जैन

शायरी

ख्वाबों में आकर मुझे परेशान किसने किया जो तुम न थे तो मेरी जान किसने किया । एक मुद्दत से मैं नही था अपने होश में मुझे जगाकर मुझपे एहसान किसने किया ।                   - चिंतन जैन

कविता । ग़ज़ल । शायरी

ग़मो के साये में भी मुस्कुराते रहेंगे ऐ ज़िन्दगी तुझे ऐसे ही झुकाते रहेंगे । ये मर्ज़ी है आपकी दिल से हमें निकाल देना हम तो दस्तक दे-दे के इस घर में आते रहेंगे । आपको आता है सिर्फ फूलों की जान लेना  हम गुलों में यूँ ही कलियाँ खिलाते रहेंगे ।                                                                     - चिंतन जैन 

कविता । ग़ज़ल । शायरी

मैं सर - ए - बज़्म में हंगामा कर दूँगा नाम तेरा लूंगा और एक शेर पढ़ दूँगा । मैं नही करूँगा बाते इश्क़ में बड़ी - बड़ी हां , तेरे लिए चाय बना दिया करूँगा । मैं तरन्नुम में करूँगा बयां हालात-ए-दिल ग़ज़ल कहूँगा और किस्सा मुख़्तसर कर दूँगा । सताएगी तेरी याद जब भी बेहद मुझको मैं बुझे चराग़ों को फिर से रोशन कर दूँगा । पूछेगा जब भी कोई राज़ मेरी कविता का  "चिंतन", मैं नाम आधा करके उसे ना कर दूँगा ।                                          - चिंतन जैन

कविता

तू खुद से खुद पे भारी है  तू खुद में पूर्ण तैयारी है ।  तुझमें सूरज सा ताप है  तू खुद में ही प्रताप है । तुझमें निहित संसार है तुझमें शक्ति अपार है । तू खुद में ही आकाश है तुझमें सम्पूर्ण प्रकाश है । तुझमें ही तो वे राम है तू खुद ही चारो धाम है । तू शून्य भी अनंत भी प्रारम्भ भी और अंत भी ।                           - चिंतन जैन

समय का चक्र ( कविता )

कल गद्दी पर बैठेंगे राम सुन हर्षित हुई जनता तमाम । पर वक़्त कहाँ यह चाहता था  उसका कुछ और इरादा था । रानी ने तब वचन मांगा बेटे के लिए शासन मांगा ।  और मिला राम को वन का वास हुए निष्फल सारे प्रयास । पर राम को वचन निभाना था  उनको तो वन में जाना था । जब कर्म खेल दिखलाता है भगवान भी नही बच पाता है । तब मानव की भी क्या बिसात जो काट सके भाग्य की बात जब राम चले गए वन में  तो दशरथ भी गए शयन में । जब चक्र समय का चलता है  तो उगता सूरज ढलता है ।।                     - चिंतन जैन