हंगामा हो गया । ( ग़ज़ल )

दिल में एक ख़याल आया तो हंगामा हो गया 
देख के तुझको सर झुकाया तो हंगामा हो गया ।।

सुनायी देती है यहाँ दिन रात आवाज़ें हमें
इक आवाज़ तुझको बुलाया तो हंगामा हो गया ।।

खामोशी से सुन रहे थे दिल की बातों को सभी
हमनें गम अपना सुनाया तो हंगामा हो गया ।।

दीवाली की रात थी और था शहर में सब रोशन
इक दीया हमनें जलाया तो हंगामा हो गया ।।

दूसरों की गलतियों को खूब बताते फिरते हो
जब गलत तुमकों बताया तो हंगामा हो गया ।।

                         - चिंतन जैन

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