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Showing posts from April, 2020

ग़ज़ल | कविता | शायरी

जो तुम पहले ही दिल की बात बताते , तो अच्छा होता वो पहली नज़र में तुम मुस्कुराते , तो अच्छा होता ।। यू तो चाँद सितारे सभी मौजूद थे यहां मग़र तुम भी छत पर आते , तो अच्छा होता ।। माना हो गयी देरी मुझे तुमसे कहने में फिर भी पहले तुम हाथ बढ़ाते , तो अच्छा होता ।। वक़्त पर ध्यान से देते हो पौधों को पानी कुछ बूंदे हम पर भी गिराते , तो अच्छा होता ।। मैं निकला था घर से तुम्हे मिलने के लिए तुम भी मेरी ओर चलकर आते , तो अच्छा होता ।।                       - चिंतन जैन

शायरी

"इक झलक तुझको देखें" इसी विचार में रहते है  जैसे मुरझाए फ़ूल बारिश के इंतजार में रहते है ।                                               - चिंतन जैन                   

ग़ज़ल | कविता | शायरी

यह रात तब मंज़र-ए-शब-ताब होगी मुद्दतों बाद जब उनसे मुलाकात होगी । आसाँ नही है मेरे दिल को यूँ जीत जाना आपमें कुछ तो जरूर बात होगी । मैं नही लिख सकता उन पर सिर्फ ग़ज़ल उन पर लिखूंगा तो पूरी किताब होगी । ठान कर निकलोगे जब अपनी राहों पर मंज़िल भी तुमसे मिलने को बेताब होगी ।                     - चिंतन जैन

नारी होना आसान नही | ( कविता )

त्याग , समर्पण भाव लिए और ममता का स्वभाव लिए जब नारी यह गुण लाती है माता ही तो कहलाती है । वह निश्छल प्रेम दिखाती है  और भाव दया का लाती है माता का दूसरा रूप लिए वह बहन बनकर आती है । जब प्रेम का सागर निहित हो  और समर्पण असीमित हो सुख दुख की साथी ही वो है   वह पत्नी नारी ही तो है । त्याग ऐसा कर सकते हो क्या उर्मिला बन सकते हो । भक्ति तुम ऐसी रखोगे क्या मीरा तुम बन सकोगे क्या । वह सावित्री भी नारी थी  जो यमराज पर भारी थी । क्या शील धरोगे तुम ऐसा सीता ने धरा था जैसा । नारी तो जग की जननी है कभी माता है कभी भगिनी है । घर की चारदीवारी होना आसान नही नारी होना ।।           - चिंतन जैन