मजदूर पर शायरी

गलती मेरी कुछ भी नही है , आखिर ये बतलाऊँ कैसे
मैं भी तो हूँ इसी देश का , अपने घर पर जाऊं कैसे ।।

                            - चिंतन जैन

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