कविता । ग़ज़ल । शायरी

ग़मो के साये में भी मुस्कुराते रहेंगे

ऐ ज़िन्दगी तुझे ऐसे ही झुकाते रहेंगे ।

ये मर्ज़ी है आपकी दिल से हमें निकाल देना

हम तो दस्तक दे-दे के इस घर में आते रहेंगे ।

आपको आता है सिर्फ फूलों की जान लेना 

हम गुलों में यूँ ही कलियाँ खिलाते रहेंगे ।                                             
                       - चिंतन जैन 

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