कविता । ग़ज़ल । शायरी
सुना है शहर में उसे चाँद कहा जाता है
सो हमारा भी चकोर बनने का इरादा है ।
आप समझते है हमें औरो की तरह ही
हमारी उल्फत का आपको नही अंदाजा है ।
हमने देखी है शहर की सभी नायाब चीजे
बस अब तो आपके दीदार का तक़ाज़ा है ।
वैसे तो उनके हर इक लहज़े में जादू है
मग़र गुस्से वाले लहज़े में कुछ ज़्यादा है ।
एक तेरे बारे में लिखने को छोड़कर
चिंतन , ये लड़का सीधा - सादा है ।
- चिंतन जैन
Comments
Post a Comment