वो आपके प्यार झुमके ( ग़ज़ल )

चाँद - सितारों को चिढ़ाते वो आपके प्यारे झुमके
फूलों की तो जान जलाते वो आपके प्यारे झुमके ।।

रह - रहकर यूँ ही इठलाते वो आपके प्यारे झुमके
देखों गालों पर टकराते वो आपके प्यारे झुमके ।।

खुद को ज़ुल्फों में उलझाते वो आपके प्यारे झुमके
अपनी किस्मत पर इतराते वो आपके प्यारे झुमके ।।

खनक - खनक की ताल सुनाते वो आपके प्यारे झुमके
खामोशी से शोर मचाते वो आपके प्यारे झुमके ।।

जाने मुझ पर क्यूँ झुंझलाते वो आपके प्यारे झुमके
" चिंतन " सुनते ही चिढ़ जाते वो आपके प्यारे झुमके ।।

                             - चिंतन जैन 

Comments

Popular posts from this blog

समय का चक्र ( कविता )

कविता

सिलसिला