दिल

दिल रो रहा था मेरा पर मैं रो न सका
तुम तोड़ गए वादा हमसे ये हो न सका ।।
                - चिंतन जैन©

Comments

Popular posts from this blog

समय का चक्र ( कविता )

कविता

सिलसिला