शेर

वो शेर भला क्या शेर हुआ जो छाप दिलों पर न छोड़े
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ जो सभी दिलों को न जोड़े ।।
                      - चिंतन जैन ©

Comments

Popular posts from this blog

समय का चक्र ( कविता )

कविता

सिलसिला