शेर

उसने दिन में चाँद को देखने की ख़्वाहिश की
सो हमने भी यार को इक आईना लाकर दे दिया ।।

                         - चिंतन जैन

Comments

Popular posts from this blog

समय का चक्र ( कविता )

कविता

सिलसिला